सन्नी - - ओह आंटी तो बात यहाँ तक आ पहुँची है ! अगर दीदी दो घंटे वहाँ रह गई तो फिर साबुत बच के नहीं आ सकती ! इस उमर मे कहाँ कोई अपने को रोक पाता है ! जवान लड़का थोड़ा फॉर प्ले करेगा तो दीदी टाँग उठाके खुद ही कहने लगेगी बंटी जल्दी कर लो मुझे घर जाना भी है !
शांति - - इसी बात की तो मुझे चिंता है बेटा ! तू कल ही अपने पापा को भेज दे ! वो यहाँ रहेंगे तो फिर कामया वहाँ नही जा पाएगी !
सन्नी -- हाँ आंटी फिर उसे जाने की ज़रूरत ही नहीं रहेगी ! उसकी सारी गरमी तो पापा ही निकाल देंगे !
शांति -- - हाँ बेटा ! तू अपने पापा को कल सुबह ही भेज देना ! वो आके बहू को संभाल लेंगे !
कामया - - ठीक है आंटी आप चिंता मत करो पापा कल ही आके आपकी बहू की सारी गरमी निकाल देंगे !
शांति - - बदमाश वो सिर्फ़ मेरी बहू ही नहीं है तेरी भी तो दीदी है !
दूसरे दिन मामा कामया के ससुराल पहुँच गया ! इस बार वो ज़रा देर से आया था ! उसको देख कर ही कामया चहकने लगी ! पहले जब मामा को देख कर कामया खुश होती थी तो शांति को अच्छा नहीं लगता था किंतु आज उसका चहकना शांति को बड़ा सकून दे रहा था ! अगर वो मामा के आने से खुश है तो इसका सीधा सा मतलब है क़ि कल वो बंटी के पास नहीं जाएगी ! मदनलाल एक दिन पहले ही गाँव चला गया था या यों कहो की शांति ने उसे फूटा दिया था ! बहू के इस नये कांड के बारे ने उसने अभी तक मदनलाल को नहीं बताया था ! थोड़ी देर बाद शांति कामया और मामा को अकेला छोड़ कर ऊपर कमरे मे चली गई ! कामया ने चाय बनाया और मामा को देकर सास को देने जाने लगी तो मामा ने उसे रोक दिया !
मामा - - रानी लाओ चाय हमे दो हम दे आते हैं शांति को !
कामया - - क्यों मामा ? हमारे पास बैठने का मन नहीं कर रहा क्या ?
मामा -- रानी तुम्हारे पास बैठने का नहीं लेटने का मन करता है ! लेकिन तुमने इतने दिनो से जो कहानी बनाई हुई है उसका ज़रा अंत कर दूँ ! देख ना इस बार तेरी सास ने हमे खुद बुलाया है तेरी सेवा करने के लिए !
कामया - - मामा आप ने चाल ही ऐसी चली की बेचारी चारों खाने चित हो गई !
मामा चाय लेकर ऊपर पहुँचा तो शांति को देख मामा की साँस ही रुकने लगी ! शांति अभी अभी अभी ही नहाई थी उसके बदन पर सिर्फ़ पेटिकोट था ! जिसमे से उसका मदमस्त भरवाँ बदन बाहर को छलक रहा था !
####### शांति का मामा को अशांत कर देने वाला बदन ####
अपने बदन को यूँ घूरता देख शांति कुछ लज़ाई और फिर बोल पड़ी !
शांति - - अरे भाई साहब आप ने क्यों कष्ट किया ?
मामा - - क्यों जब हम आपकी बहू की सेवा कर सकते हैं तो क्या आपकी सेवा नहीं कर सकते ? लगता है आप अबतक हमसे नाराज़ हैं ? मामा ने उसके बड़े बड़े बूब्स को घूरते हुए कहा ! शांति के मम्मे आकार मे कामया से लगभग डेयोड़े थे ! शांति ने भाँप लिया क़ि मामा की नज़र कहाँ टिकी हुई है !
शांति - - भाई साहब आपको कामया की सेवा के ले बुलाया है ?
मामा - - कोई बात नहीं हम दोनो की सेवा के लिए तैयार हैं ऐसा कहते कहते मामा ने उसकी हथिनी जैसी गाँड़ मे हाथ फेर दिया ! वैसे तो वो बहुत आगे बढ़ जाता किंतु उसे कामया की चेतावनी याद थी और वो किसी भी हाल मे शांति के लिए कामया जैसी जवान मदमस्त लौंडिया को नहीं खो सकता था !
शांति - - आह !! भाई साहब आप क्या कर रहे हैं ? कोई देख लेगा !
मामा - - मेडम जब यहाँ कोई है ही नहीं तो कौन देखेगा !
शांति -- अच्छा जी कोई नहीं है तो क्या आप बदमाशी करने लगोगे ? शांति ने इठलाते हुए कहा !
मामा - - मेडम आप अगर आदेश दे तो हम हर बदमाशी करने को तैयार हैं !
शांति - - अच्छा पहले ये बताओ आपने ये मेडम मेडम क्या लगा रखा है !
मामा - - अरे मेजर की बीवी को तो मेडम बोलना ही पड़ेगा ना !
शांति - - जी नहीं मैं आपके लिए मेजर की बीवी नहीं कामया की सास बस हूँ ! बल्कि ये कहो की आपकी समधन हूँ !
मामा - - तो फिर आप हमे भाई साहब बोलना बंद कर दीजिए ! यशवंत बोल सकती हैं और अगर चाहो तो प्यार से यश्शु भी कह सकती हैं !
शांति - - आप भी ना कामया जैसी हसीन जवान भांजी को छोड़ कर मुझ जैसी बुढ़िया पर ललचा रहे हैं ! शांति इस वक्त बिस्तर की चादर ठीक कर रही थी ! झुके होने के कारण उसके भारी भरकम नितंब पूरी तरह बाहर को निकल आए थे जिसे देख कर मामा ने अपना संयम खो दिया ! वो आगे बड़ा और पीछे से उसे अपनी बाहों मे भर लिया उसके हाथ सीधा शांति के दोनो चौसा आम को अपने गिरफ़्त मे ले चुके थे ! जबकि उसका खड़ा लंड सीधा शांति की गाँड़ की दरार मे जा धँसा !
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शांति - - - ओह आ ! यशवंत प्लीज़ ऐसा मत कीजिए ! बहू यहीं घर मे ही है ! अगर उसने देख लिया तो सही नहीं होगा मामा -- वो तो हमेशा घर मे ही रहती है तो क्या हमे कभी सेवा का मौका नहीं दोगी ! और मामा ने ज़ोर से उसके बोबे मसल दिए !
शांति - - आह ! उई ! कितनी ज़ोर से दबा दिया ! प्लीज़ छोड़ो ना अगर कामया ने आवाज़ सुन ली ती सब गड़बड़ हो जाएगा ! अब तक मामा को भी होश आ गया था क़ि जानेमन जानेजिगर कामया के रहते शांति से मेल मिलाप ख़तरनाक हो सकता है ! कामया ने सॉफ सॉफ उसे कहा था क़ि मैं आपको सास के साथ शेयर नहीं कर सकती ! सो उसने बोबो को हल्के हल्के सहलाते हुए कहा !
मामा - ठीक है लेकिन एक वादा करो क़ि कभी अगर बहू यहाँ नहीं हुई तो हमे कम से कम एक बार मज़ा ज़रूर दोगी शांति - - तब की तब देखेंगे ! आप पहले सीरीयस हो जाइए ! मैने आपको इसलिए बुलाया है क़ि यहाँ बड़ी गड़बड़ हो गई है !
मामा - - हाँ बोलो ये बंटी का क्या चक्कर है ! सन्नी कुछ बता रहा था ?
शांति ने उसे एक बार फिर सारी कहानी बता दी !
मामा - - अच्छा ये बंटी रहता कहाँ है ? ज़रा पता तो दो उसका ! अभी दस बीस पार्टी कार्यकर्ता लेकर जाता हूँ उसके घर ! साले को घर से निकाल कर मारता हुआ यहाँ लाऊंगा !
शांति - - - यशवंत तुम पागल हो गये हो क्या ! मार के क्या और बदनामी कराओगे बहू की ? पूरे मोहल्ले को मालूम चल जाएगा का क़ि इनकी बहू का बंटी से चक्कर चल रहा है !
मामा - - तो मुझे करना क्या है ये बताओ ? मुझे तो बस पटक के काम डालना आता है ! मामा ने शांति की बुर की तरफ घूरते हुए कहा !
शांति - - हाँ हाँ आप मर्दों को तो बस पटक के मारना ही अच्छा लगता है ! हमे उस लफंगे से कोई संपर्क नहीं रखना है ! बस आप कुछ ऐसा करो क़ि बहू उससे मिलना छोड़ दे ! शांति ने उसके खड़े लंड को देखते हुए कहा
मामा - - लेकिन ये शुरू कैसे हुआ ? कामया को उससे दोस्ती की ज़रूरत ही क्यों पड़ी ! मदनलाल कुछ नहीं कर पा रहा क्या ?
शांति - - अब उनकी उमर जवान लड़की को संभालने लायक नहीं रह गई है ! एक तो आप भी इस बार कई दिन बाद आए हो ! शायद आप लोगों के इतने दिन ना आने के कारण ही बहू बहक गई !
मामा -- हम तो इसलिए इतने दिन नहीं आए क्योंकि आपको हमसे ओब्जेक्सन था !
शांति - - हे राम मैने कब लिया ओब्जेक्सन ? यशवंत तुम ऐसा कैसे कह रहे हो ?
मामा -- -- कामया एक बार ऐसा कह रही थी क़ि मम्मी बोल रही थी "" तेरे मामा तो अब थोड़ा उमर के भी हो गये हैं फिर भी इतनी जल्दी जल्दी कैसे आ जाते हैं ? बड़ा जोश है उनमे ?
शांति - - हे भगवान ! खोदा पहाड़ निकली चुहिया ! वो पगली मेरी बात का मतलब ही नहीं समझ पाई और इतनी ग़लतफहमी करवा दी !
मामा -- तो तुम ही मतलब समझा दो ना ! मामा ने एक बार फिर उसके बोबे को दबाते हुए कहा !
शांति - - यशवंत मैने तो तुम्हारी तारीफ मे कहा था क़ि इतनी जल्दी जल्दी आ रहे हैं मतलब इस उमर मे भी आप मे इतना जोश इतनी तलब है ! और वो पगली ग़लत समझ गई !
मामा - - शांति अभी तो हमारे अंदर बहुत जोश है ! तुम कहो तो एक बार तुम्हे भी जोश दिखा दें !
शांति - यस्सु तुम फिर शुरू हो गये ! मुझे अभी बहू की टेंसन है ! तुम मेरी वो टेंसन दूर करो पहले ! फिर मैं तुम्हारी टेंसन के बारे मे सोचूँगी ! शांति की नज़र मामा के पेंट मे फूले टेंट पर टिकी हुई थी और वो समझ गई थी क़ि मामा कितनी टेंसन मे है !
मामा - - जान तुम्हारी टेंसन तो दूर हो गई समझो ! बस अपने वादे से मत मुकुरना !
शांति - - हाँ बाबा नहीं मुकुरूँगी ! पर इस बारे मे कामया से बात कैसे करोगे ? वो यही सोचेगी क़ि मैने ही शिकायत लगाई है !
मामा - - हाँ ये बात तो है ! खैर मुझे थोड़ा सोचने दो फिर मैं कोई इसका हल निकाल लूँगा !
शांति -- ठीक है मगर मेरा नाम नहीं आना चाहिए !
मामा - - तुम बेफिकर रहो ! बस ये सोचो की हमे कैसे शांत करोगी !
शांति -- यस्सु इस बार तो तुम्हे बहू ही शांत करेगी ! मगर जब भी मौका मिलेगा मैं तुम्हारा काम कर दूँगी बस ! चाय पी ली चलो अब नीचे चलते हैं ! वो मामा के बाजू से निकली और उसकी पेंट मे बने टेंट को सहलाती हुई बोली
शांति - - लगता है ये बदमाश हमेशा टेंसन मे ही रहता है ! मामा कब मौका हाथ से जाने देता उसने तुरंत शांति को दबोच लिया और अगले ही पल शांति के नरम नर्म नाज़ुक होंठ मामा के होंठ मे क़ैद हो चुके थे ! एक लंबी किस के बाद शांति ने अपने को छुड़ाया और मामा को जीभ दिखाती हुई भाग गई ! दोपहर मे जब जब तीनो बैठ कर बातें कर रहे थे तभी मामा ने बात शुरू की !
मामा - - कम्मो ! ये बंटी कौन है ?
कामया - - कौन बंटी मामा ?
मामा -- कम्मो तुम्हे याद है एक बार जब मैं तुम्हे यहाँ के बाज़ार ले गया था तब मेरे कई परिचित भी मिल गये थे दुकान मे ! मैने उन्हे बताया भी था क़ि ये मेरी भांजी है !
कामया - - - हाँ मामा जी वाक़या तो याद आ रहा है ! पर कौन लोग थे ये याद नहीं आ रहा ! लेकिन बात क्या है ?
मामा - - उन्ही मे से एक ने मुझे दो तीन पहले फ़ोन मे ऐसा कुछ बताया क़ि तब से मेरी नींद उड़ी हुई है और मैं भागा भागा यहाँ चला आया ! मामा की कहानी सुनकर शांति ने राहत की साँस ली क़ि चलो मुझे तो बचा लिया यस्सु ने !
कामया - - ऐसा क्या बता दिया मामा जो आप चिंतित हो गये !
मामा - - मुझे खबर दी क़ि तुम्हारी भांजी एक बंटी नाम के लड़के के साथ आज कल घूम रही है ! उसने ये भी बताया क़ि ज़रा अपनी भांजी को बता दो क़ि वो लड़का बहुत लंपट है और सीधी साधी लड़कियों को फँसाकर उन्हे खराब कर देता है और जब उसका काम हो जाता है तो उन्हे दूध मे गिरी मक्खी की तरह निकाल देता है ! कौन है ये बंटी जिस के साथ तुम घूम रही हो !
कामया - - मामा मैं किसी के साथ घूम नहीं रही ! वो तो सुनील का दोस्त है उस दिन सिनिमा मे मिल गया था तो थोड़ा बात कर लिया !
मामा - - लेकिन मेरे परिचित ने तुम्हे दो बार उसके साथ देखा था !
कामया -- -- मामा जी दूसरी बार वो मुझे पार्लर के पास मिल गया था और भाभी जी भाभी जी कहकर ज़ोर देकर कोफ़ी हाउस ले गया था बस ! अब मुझे क्या मालूम था क़ि वो कैसा लड़का है ! उस दिन घर भी तो आया था किंतु मांजी ने नहीं बताया क़ि वो वैसा लड़का है !
शांति - - बहू तो मुझे ये कहाँ पता था क़ि वो तुम्हे बाहर भी मिलने की कोशिश करेगा !
मामा - - खैर ये बताओ तुम्हारी उससे दोस्ती कैसे हो गई !
कामया - दोस्ती की कोई बात नहीं है मामा ! उसने सिनेमा मे हमसे मोबाइल नंबर ले लिया था उसके बाद कभी कभी बात करने लगा ! मैं भी बोर हो रही थी तो बात कर लेती थी !
मामा - - क्या बात करता था वो ?
कामया - - कुछ नहीं मामा ! बार बार बोल रहा है क़ि मेरे घर आओ किसी दिन ! मैं तो कल जाने वाली थी उसके घर !
मामा - - कोई ज़रूरत नहीं है उसके घर जाने की !
शांति - - हाँ देखो तो मुझे कह रहा था क़ि बहू आजकल मायके गई हुई है ! ऐसे मे उसे कामया को अपने घर बुलाना था क्या ?
मामा - - लेकिन कम्मो ऐसी क्या बात हो गई क़ि तू बोर होने लगी थी ! मामा अब मुद्दे की बात पर आ गया था ! इस सवाल पर कामया के उत्तर देने से पहले ही शांति ने मोर्चा संभाल लिया !
शांति - - अरे बोर नहीं होगी क्या ? आप और सन्नी कितने दिनो से आए नही हो ! पहले तो तुम दोनो ने बेचारी के दिल मे कब्जा जमा लिया और फिर आना ही छोड़ दिया !
मामा - - अरे शांति जी ! ज़रा काम धाम मे फँस गये थे ! अब मुझे क्या मालूम था क़ि ये साला बंटी मुँह मारने आ जाएगा ! इसे भी फ़ोन करना था ना !
कामया - - अच्छा मैं अपने से क्या फ़ोन करती !
मामा - - - अरे मुझे नही तो सन्नी को ही बुला लेती !
शांति - - हाँ इसने ये नहीं सोचा क़ि चलो मैं ही फ़ोन कर लूँ !
मामा - - चलो जो हुआ अब सब ठीक हो गया है ! शांति जी अब मैं ये ज़िम्मेदारी आप को सौंप रहा हूँ कभी भी आप कम्मो को उदास देखें तो तुरंत मुझे फ़ोन कर देना मैं दौड़ता हुआ चला आऊंगा !
शांति - - हाँ अब से मैं पूरा ध्यान रखूँगी ! बल्कि आप भी अब ज़्यादा ध्यान रखा करिए बहू का ! आने मे इतना विलंब मत करा करिए !
मामा - - सॉरी भाई ! हमसे ग़लती हो गई ! हमे ज़रा भी मालूम होता क़ि ये बोर हो रही है तो मैं कम से कम सन्नी को ही भेज देता ! अच्छा एक बात बता कामया उसने कभी कोई एडवाँटेज़ तो नहीं लिया !
कामया - - - नहीं मामा मैने कुछ करने नहीं दिया हालाकी वो सिनिमा मे कोशिश बहुत किया और फ़ोन मे बहुत बोल रहा था !
मामा - - सिनिमा मे क्या कोशिश कर रहा था ?
कामया - - जी वो इधर उधर हाथ लगा रहा था कभी ऊपर उनमे तो कभी नीचे थाइस पर ! हमने मना किया तो कहता था ""भाभी जी सुनील तो बाहर रहता है तो मन तो आपका भी करता होगा ! क्यों अपनी जवानी खराब कर रही हो ! थोड़ा क्वालिटी टाइम एंजाय कर लो ना ""
मामा - - और भी कुछ किया होगा ? सिनेमा मे तो अंधेरा रहता है ! लोग तो वहाँ बहुत कुछ कर लेते हैं ! मामा ने जान बूझकर कामया को उकसाया ! मामा का इशारा समझ कामया ने कहानी बनाई
कामया - - जी वो !! जी वो !! हमारा हाथ पकड़ कर बैठा था अचानक उसने हमारा हाथ अपने उस पर रख दिया ! हाथ मे आते ही हमे अहसास हुआ क़ि उसने अपना पेंट से बाहर निकाल के रखा था ! तब हमने जल्दी से हाथ झटक दिया ! शांति मन ही मन बोली "" हाथ झटक दिया बोल रही है ये नहीं बता रही क़ि खूब मज़े से खेली हूँ और अपना हाथ गंदा करके आई थी !
मामा -- - फ़ोन मे क्या बोल रहा था हराम का जना ! मामा ने नकली गुस्से मे पूछा !
कामया - - जी बोल रहा था क़ि सुनील तो इतने दिन बाद आता है तो कैसे रह पाती हो ? कुछ ज़रूरत हो तो हमे बुला लिया करो या यहीं आ जाया करो मेरे घर !
शांति - - देखा मैं पहले ही ना कह रही थी क़ि वो बहुत कमीना है ! जब उसकी बीवी नहीं है तब क्यों बुला रहा था मेरी बहू को अपने यहाँ ! ज़रूर कमीने के दिल मे कोई खोट होगा ! अगर ये चली जाती तो ?
मामा - - अरे चली जाती तो वो कमीना इसकी बिना लिए नहीं आने देता !
शांति - - - पक्की बात है ! बहू को मालूम नहीं क़ि वो अपनी दोनो साली को भी ठोकता है ! इसी चक्कर मे तो उसकी बीवी झगड़ा कर घर गई है !
मामा - - तब तो वो कामया को भी ठोक के ही भेजता ?
कामया - - चुप करो मामा मैं आपको ऐसी वैसी लगती हूँ क्या ? कामया की बात सुन शांति सोचने लगी क़ि तू अब क्या से क्या बन गई है वो तो हम जानते ही हैं ! चार मर्द घर मे हैं तेरी आग बुझाने के लिए उसके बाद भी बंटी का लेने जा रही थी !
मामा - - चलो कोई बात नही तुम्हारी बहु बच गई है ! शुक्र मनाओ
रात को कामया ने अपने को बहुत सज़ा कर रखा था ! उसने नई वाली डिज़ाइनर ब्रा और पेंटी पहनी थी और ऊपर एक शॉर्ट और कुरती डाल कर मामा का इंतज़ार कर रही थी ! आज वो बहुत खुश थी क्योंकि सास रूपी कंटक भी अब उसके रास्ते से हट चुका था ! मामा ने ऐसी चाल चली थी क़ि सास अब खुद मामा को उसके लिए बुलाने को तैयार थी ! आज कामया को मामा पर बहुत प्यार आ रहा था एक तो इसलिए क़ि उसके दिल का एक बोझ हट गया था और दूसरा इसलिए भी क़ि इस चाल को कामयाब बनाने के लिए मामा और सन्नी काफ़ी दिनो से उसके पास आए नहीं थे जिस कारण कामया बहुत प्यासी हो चुकी थी उसकी तलब बहुत बढ़ गई थी ! दोनो बाप बेटों ने उसे सेक्स की ऐसी लत लगा दी थी जो अब अफ़ीम के नशे से भी ज़्यादा नशीली हो गई थी ! आज मामा को कमरे मे छोड़ने शांति भी साथ आई थी ! मामा को अंदर धकेलते हुए उसने कहा
शांति - - जी मेरी बहू को इतना प्यार करना क़ि इसे उस नासपीटे बंटी की याद तक ना आए ! फिर कामया का मॉडर्न लुक देख कर बोली
शांति -- देखो कितनी बन ठन के आप का इंतज़ार कर रही है और आप हो क़ि इतने दिनो तक आते ही नहीं हो !
मामा - - कोई बात नहीं इतने दिनो की कसर हम आज पूरी कर देंगे ! शांति वापिस चली गई और मामा कामया के पास आ गया जो पैर लटकाए बेड मे बैठी थी ! मामा की नज़र शॉर्ट मे से दिख रही कामया की मस्त मस्त जांघों पर टिक गई थी ! गोरी नरम चिकनी माँस की इस दौलत से कामया को खुदा ने खूब नवाजा था !
कामया - - मामा ऐसे क्या देख रहे हो ? पहले कभी देखे नहीं हो क्या ?
मामा - - रानी जितनी बार देखो तलब और बढ़ती ही जाती है ! दिल करता है बस तुझे देखता ही रहूं !
कामया - - बस बस ज़्यादा शायर बनने की कोशिश मत करो ! मामा अब शायर बनना भी नहीं चाहता था वो अब बस आशिक़ बनना चाहता था ताकि अपनी महबूबा को जी भर कर प्यार कर सके ! वो कामया के पैर के पास बैठ गया और कामया की मदमस्त गदराई थाइस को चाटने लगा ! कामया आहें भरने लगी !
कामया - - - आ ओह ! ओ माइ गॉड ! मामा लव मी ! आइ नीड युवर लव हनी !
मामा ने धीरे से उसे बिस्तर मे लूड़का दिया ! अब कामया बिस्तर मे चित लेटी हुई थी ! मामा थाइस को किस करता हुआ ऊपर बढ़ा और शॉर्ट के ऊपर से ही कामया की कचोरी को काटने लगा ! मामा की इस हरकत ने कामया को बहका दिया
कामया - - आ मामा काटो मत केवल चाटो ! मुझे मालूम है आपको ये बहुत टेस्टी लगती है ! मामा पूरे सकून के साथ आगे बढ़ रहा था ! अब कामया के कोमल मगर मांसल पेट और नाभि को चूमने लगा ! उसने कुरती ऊपर को कर दी और पेट को नंगा कर जीभ से चाटने लगा ! कामया के जिस्म मे अनारदाने फूटने लगे ! मामा बहुत देर तक कामया की लज़्ज़तदार त्वचा को प्यार करने के बाद आगे बड़ा तो दो उतन्ग पर्वत शिखर उसका रास्ते मे प्रतिरोध करने लगे ! प्रतिरोधी इतने प्यारे और खूबसूरत थे क़ि मामा उनके विरोध को भूल उन्हे हो प्यार करने लगा ! मामा का संयम अब ख़त्म होता जा रहा था उसने कामया की कुरती उतार फेंकी और उसकी रास्ते की बाधा बनी ब्रा को भी उसके अंजाम तक पहुँचा दिया ! अब कामया टॉपलेस थी ! उसके जिस्म मे अब सिर्फ़ एक शॉर्ट बचा था ! छोटी सी निक्कर मे उसका हसीन जिस्म बिस्तर मे अपना छटा बिखेर रहा था ! दूध सा सफेद और मक्खन सा चिकना जिस्म देख कर ऐसा लगता था मानो स्वर्ग से उतरकर उर्वशी या रंभा ही मामा की सेवा करने चली आई हों ! निक्कर भी अब मामा को अपनी दुश्मन लगने लगी और मामा ने उसे भी उतार कर दूर फेंक दिया !
कामया - - - इतनी दूर क्यों फेंक दिए ?
मामा - - मैं अपने दुश्मनो से नफ़रत करता हूँ !
कामया - - धत !! वो आपकी दुश्मन नही है ! आपकी सबसे प्यारी चीज़ को वोही ही तो दुनिया की नज़र से बचा कर रखती है !
मामा -- जान तेरे और मेरे बीच जो भी आएगा वो सब मेरे दुश्मन हैं ! पूरी तरह नग्न पड़ी विश्वसुंदरी अपनी हंगामखेज जवानी और सुंदरता से मामा का हाल बहाल किए दे रही थी ! मामा कामया के यौवन की तपिश से जला जा रहा था ! बेकाबू मामा ने उसकी दोनो टांगे विपरीत दिशा मे फैला दी ! अब जो दृश्य उसके सामने था वो उसके खून मे उबाल लाने के लिए काफ़ी थी ! हल्के हल्के झाँटो की झुर्मुट के बीच एक पतली सी दरार नज़र आ रही थी ! तकरीबन दो इंच के उस चीरे के बीचों बीच तर्जनी उंगली की मोटाई का छेद दिखाई दे रहा था जिसके अंदर एक लाल रंग का गुफा मार्ग था ! यही वो गुफा थी जिसके अंदर प्रवेश करने की लालसा से मामा यहाँ खिंचा चला आता था !
जब भी वो इस गुफा मे प्रवेश करता हर बार उसे पहले से ज़्यादा रस की प्राप्ति होती ! ऐसा लगता था जैसे उस गुफा मे कोई अक्षय पात्र हो जो नित्य निरंतर अपने भक्तों को अमृत प्रदान करता हो ! मामा ने अपनी गरम प्यासी जीभ पूरी दरार मे फेर दी ! योनि प्रदेश मे मामा की जीभ का हमला होते ही कामया गनगना गई ! ये हमला उसे बड़ा प्यारा लगता था ! मामा ऊपर से नीचे तक पूरी लंबाई मे कामया की दरार को चाटने लगा !
कामया - आह मामा ! खा जाओ इसे ! पी लो इसका सारा रस ! खाली कर दो इसे ! जब तक इसका रस ना निकल जाए मैं बेचैन रहती हूँ !
मामा - -- रानी चिंता मत कर हम इस रस को पीकर तेरी सारी बेचैनी दूर कर देंगे ! मामा अब बावला सा हुआ बुर को चाटने लगा ! कभी वो दाने को चूसता तो कभी प्रेम छिद्र मे जीभ डालने लगता ! अब मामा ने कामया की दोनो पंखुड़ियों को फैला दिया ! अंदर एक रक्तिम मार्ग दिखाई देने लगा ! मामा ने अपनी जीभ वहीं डाल दी ! कामया तो अब एकदम बौखला गई ! उसने मामा की लूँगी के अंदर हाथ डाल दिया और मामा के लंड को मसलने लगी ! वो ज़ोर ज़ोर से उस सख़्त माँस पिंड को दबा रही थी ! बीच बीच मे वो मामा की गोटियों से भी खेलने लगती ! एक चतुर खिलाड़ी की तरह जब वो गोटियों से खेलती तो बहुत ही नज़ाकत से खेलती किंतु जब लंड को हाथ मे लेती तो उसे भर ताक़त भींचने लगती ! मामा उसकी इस अदा का कायल हो चुका था !
मामा - - कम्मो छोड़ दे उसे ! उससे ना खेल
कामया - क्यों मामा अच्छा नहीं लग रहा क्या !
मामा - - रानी अच्छा तो बहुत लग रहा है !
कामया - तो खेलने दो ना ! मुझे खेलना अच्छा लगता है इससे !
मामा -- जान तू समझ नहीं रही कहीं मैं फ़ुर्सत ना हो जाऊं !
कामया - - तो हो जाना ना ! क्या फ़र्क पड़ता है !
मामा - - रानी हाथ मे ही फ़ुर्सत हो गया तो ?
कामया - - कुछ नहीं होता मामा ! आइ डोंट केर ! मैं फिर से तैयार कर दूँगी ! मुझ पे भरोसा नहीं है क्या ?
मामा - - पगली इतनी कीमती चीज़ को यूँ बर्बाद नहीं करते ! इससे से तो अच्छा है अपन 69 कर लेते हैं ! कम से कम माल बर्बाद तो नहीं होगा !
कामया -- ठीक है तो कर लो 69 ! अब दोनो 69 मे हो गये !
एक बार फिर कमरे मे वासन का तूफान आ गया ! दोनो एक दूसरे पर तब तक हमला करते रहे जब तक दोनो ने अपना रस ना बहा दिया !
एक तूफान आया था जो अब ख़त्म हो चुका था ! दोनो प्रेमी एक दूसरे की बाहों मे आराम कर रहे थे
मामा - - रानी बोल कैसा बेवकूफ़ बनाया तेरी सास को ?
कामया - - मामा मानना पड़ेगा आपको ! बेचारी ऐसी डर गई की खुद आपको बुला के अपनी बहू परोस दी !
मामा - -- कह रही थी भाई साहब आप नहीं जानते बंटी और शेरू दोनो एक नंबर के लफंगे हैं वो आपकी भांजी को बर्बाद कर देंगे ! बेचारी नहीं जानती की यशवंत लफंगों का गुरु है ! वैसे हैं कौन ये दोनो !
कामया - - मामा मैं उनको ज़्यादा नहीं जानती वो तो मैने उन दोनो का नाम इसलिए ले लिए था क़ि दोनो कमीने जब भी सुनील से मिलने आते थे मुझे ही घूरते रहते थे ! मैं समझ गई थी क़ि इनका नाम लेना सही रहेगा क्योंकि मांजी ने भी उन्हे मुझे घूरते हुए कई बार देख लिया था !
मामा - - अब सब टेंसन ख़त्म ! अब जब भी तू थोड़ा उदास होगी या चुप चुप सी रहेगी तेरी सास खुद हमे फ़ोन करके बुलाएगी की भैया जल्दी आकर मेरी बहू को चोद दो ! हा हा हा
कामया - - रियली मामा आप बहुत बदमाश हो !
मामा - - सुन ! अब मैं यहाँ दो चार दिन रहूँगा तो यहाँ ऐसा माहौल बनाना है क़ि शांति का नज़रिया ही मेरे प्रति बदल जाए !
कामया - - नज़रिया बदल जाए मतलब ?
मामा - - मैं चाहता हूँ क़ि जैसे वो सुनील के आने से खुश होती है और सुनील और तुझे एक साथ देखने से खुश होती है वैसे ही वो मुझे और सन्नी को देख कर खुश हो और एक प्रकार से तुझे हम दोनो की बीवी ही मान ले !
कामया - - लेकिन मामा इस के लिए हमे क्या करना होगा ?
मामा -- इन चार दिनो मे हमे शांति को बुरी तरह तोड़ डालना है ताकि उसके बाद वो कभी सिर ना उठा सके !
कामया -- ओह लेकिन करना क्या होगा ?
मामा -- -- कल सुबह तू ब्रा पेंटी मे ही घर मे घूमना ! हम तुझसे शांति के सामने ही छेड़छाड़ करेंगे ! इस वक्त वो बहुत दबी हुई है इस लिए कुछ बोल नहीं पाएगी !
कामया - - मामा आप क्या बोल रहे हो ? घर मे ब्रा पेंटी मे घूमना ! ये कैसे हो सकता है ?
मामा - - अब ये सोचना तेरा काम है ! अभी हिम्मत नहीं कर पाई तो फिर कभी अपनी सास को दबा नहीं पाएगी ! और शरमाने की क्या बात है ? देखा नहीं कल तेरी सास खुद मुझे तेरे कमरे मे छोड़ने आई थी जैसे क़ि मैं उसका बेटा हूँ और अपनी बहू के पास सुहाग रात के लिए जा रहा हूँ और कितनी बेशर्मी से शांति बोल के गई थी क़ि मेरी बहू को खूब रगड़ना ! कामया को कल का सीन याद आ गया जब कल शांति खुद मामा को ले के आई थी ! उसने भी कह दिया ठीक है मामा जी जैसा आप उचित समझो !
दूसरी सुबह मामा और शांति बैठे टीवी देख रहे थे ! तभी कामया बाथरूम से निकल कर सीधा हाल मे चली आई ! उसने जो कपड़े पहने थे उसे देख कर शांति का मुँह खुला का खुला रह गया जबकि मामा का खून उफान मारने लगा ! कामया बंटी की लाई हुई लाल ब्रा और पेंटी पहन कर ही आ गई थी ! पेंटी के ऊपर उसने अपनी झीनी सी चुन्नी लपेटी थी जिसका होना ना होना एक बराबर था !
बहकती बहू 50
#### peace in this pōśa see more uncle has had lost ######